आठवें महाद्वीप की खोज ?
एआई भाषा मॉडल के रूप में, मैं आपको वर्तमान ज्ञान के आधार पर जानकारी प्रदान कर सकता हूं। हालाँकि, अब तक, पृथ्वी पर कोई व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त आठवां महाद्वीप नहीं है। परंपरागत रूप से, पृथ्वी को सात महाद्वीप माना जाता है: अफ्रीका, अंटार्कटिका, एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका।यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महाद्वीपों की अवधारणा को सख्ती से परिभाषित नहीं किया गया है, और भूवैज्ञानिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण के आधार पर अलग-अलग व्याख्याएं हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में एक जलमग्न महाद्वीपीय समूह ज़ीलैंडिया को आठवां महाद्वीप माना जा सकता है। हालाँकि, इसे एक अलग महाद्वीप के रूप में सार्वभौमिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है।यदि किसी नए महाद्वीप की खोज की जाती है, तो इसका आकार और स्थिति विशिष्ट स्थान और भूवैज्ञानिक विशेषताओं पर निर्भर करेगी। किसी नए महाद्वीप को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के लिए व्यापक वैज्ञानिक अनुसंधान और वैज्ञानिक समुदाय के बीच आम सहमति की आवश्यकता होगी। राजनीति और देश का बंटवारा तो आप जानते हैं और देखा भी है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक महाद्वीप दो हिस्सों में बंट जाएगा. अब विश्व में 7 महाद्वीप हैं। उनमें से हम एशिया महाद्वीप में रह रहे हैं। इसके अलावा यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका भी इस सूची में शामिल हैं।तो ये सब सच है. हम सैकड़ों वर्षों से इस तथ्य के बारे में पढ़ते और सुनते आ रहे हैं कि दुनिया में 7 महाद्वीप हैं। ऐसे में हम आपको एक ऐसी खबर देंगे जो आपको हैरान कर देगी. एक ऐसी खबर जिसके बारे में आपने कभी सोचा नहीं होगा. यह अजूबा है पृथ्वी का 8वां महाद्वीप। ऐसा कहा जाता है कि जीलैंडिया महाद्वीप का निर्माण अफ्रीका महाद्वीप से अलग होकर हुआ था। जिसकी खोज कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने की थी यह महाद्वीप पिछले 375 वर्षों से लुप्त था। लेकिन सालों की मेहनत के बाद वैज्ञानिकों ने इसे खोज निकाला है वैज्ञानिकों ने इस महाद्वीप का नाम जीलैंडिया रखा है। जहां इंसानियत का पहुंचना बहुत मुश्किल है...ज़ेलैंडिया मूल रूप से प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना का एक हिस्सा था। जो लगभग 54.2 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में था जीलैंडिया लगभग 105 मिलियन वर्ष पहले गोंडवाना से अलग हुआ था। ज़ीलैंडिया की खोज सबसे पहले 1642 में डच व्यापारी और नाविक एबेल तस्मान ने की थी। इसके बाद वैज्ञानिकों ने 2017 में जीलैंडिया महाद्वीप की खोज की।
यह महाद्वीप कितने वर्षों से गायब था?
करीब 375 साल की रिसर्च के बाद वैज्ञानिक इस महाद्वीप को खोजने में सफल हुए हैं। उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि यह द्वीप ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप के आकार का है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस महाद्वीप का 94 प्रतिशत भाग प्रशांत महासागर में डूबा हुआ है। लगभग 23 मिलियन वर्ष पहले, यह ज़िलैंडिया पूरी तरह से जलमग्न हो गया था। जिसका अधिकांश भाग प्रशांत महासागर में डूबा हुआ है।वैज्ञानिकों के अनुसार यह महाद्वीप चार सौ वर्षों से भी अधिक समय से विलुप्त है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज़ेलैंडिया महाद्वीप का आकार 1.89 मिलियन वर्ग मीटर या 4.9 मिलियन वर्ग किलोमीटर है। यह एक महाद्वीप है जो मेडागास्कर से लगभग छह गुना बड़ा हैकुछ दिन पहले, भूवैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने टेक्टोनिक्स जर्नल में ज़ीलैंडिया का एक नक्शा प्रकाशित किया था। वैज्ञानिकों ने समुद्र के नीचे पाए गए चट्टानों के नमूनों का अध्ययन करने के बाद इस महाद्वीप के अस्तित्व के बारे में बात की।