बाथू की लोदी मंदिर
बाथू की लोदी मंदिर भारत के हिमाचल प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंडी जिले के थलौट गांव में स्थित है, जो मंडी शहर से लगभग 40 किमी दूर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इस क्षेत्र के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है।यह मंदिर अपने अद्वितीय स्थान के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह ब्यास नदी पर महाराणा प्रताप सागर (पोंग बांध) के जलाशय के बीच में एक विशाल तैरते हुए पत्थर पर बना है। यह तैरता हुआ पत्थर मंदिर के आधार के रूप में कार्य करता है और कहा जाता है कि यह प्राकृतिक रूप से वहां रखा हुआ है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत महाकाव्य के अनुसार पांडवों द्वारा अपने निर्वासन काल के दौरान किया गया था। किंवदंती है कि मंदिर का पत्थर पहाड़ की चोटी पर हुआ करता था, लेकिन जब पांडवों ने इसे नीचे रखा, तो यह अचल हो गया और तैरते हुए पत्थर में बदल गया। तीर्थयात्री और पर्यटक साल भर बाथू की लोदी मंदिर में आते हैं, खासकर महाशिवरात्रि के शुभ त्योहार के दौरान। यह मंदिर अपने अद्वितीय स्थान और आसपास के जलाशयों और पहाड़ों के शानदार मनोरम दृश्य के कारण भक्तों को आकर्षित करता है। पर्यटक पोंग बांध नौकायन परिसर से नाव की सवारी करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए शांत जलाशय से होकर यात्रा यात्रा के आकर्षण को बढ़ा देती है।
बाथू की लोदी मंदिर न केवल एक प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल है, बल्कि हिमाचल प्रदेश में एक उल्लेखनीय पर्यटक आकर्षण भी है, जो प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता का मिश्रण पेश करता है।